वाराणसीः कोरोना से मृत व्यापारी को घाट पर नहीं मिली आग, बिजली शवदाह गृह में अंतिम संस्कार
वाराणसी में कोरोना से मृत व्यापारी को घाट पर आग नहीं मिल सकी। इससे उनका अंतिम संस्कार बिजली चालित शवदाह गृह में करना पड़ा। शुक्रवार को व्यापारी की मौत हो गई थी। कोरोना की जांच रिपोर्ट नहीं आने से शव दो दिनों तक बीएचयू में ही रहा। रविवार की सुबह रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया और शव हरिश्चंद्रघाट लाया गया था।
गंगापुर के 58 वर्षीय व्यापारी को गुरुवार को सर्दी जुखाम के बाद पहले निजी अस्पताल फिर बीएचयू में लाया गया था। उनका सैंपल लेने के बाद प्राथमिक कोरोना वार्ड में भर्ती कर लिया गया। शुक्रवार को अचानक व्यापारी की हालत बिगडी तो आईसीयू में दाखिल किया गया, जहां देर शाम मौत हो गई। तब तक कोरोना की रिपोर्ट नहीं आने से शव परिवार वालों को भी नहीं दिया गया।
रविवार की सुबह व्यापारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही हड़कंप मच गया। गंगापुर स्थित व्यापारी के मुहल्ले की गलियां सील कर दी गईं और परिवार के सदस्यों के साथ ही मिलने जुलने वालों का भी सैंपल लेने मेडिकल टीम पहुंच गई। इधर दोपहर बाद व्यापारी का शव परिवार वालों के हवाले हुआ लेकिन गंगापुर स्थित घर की जगह उसे सीधे अंतिम संस्कार के लिए एम्बुलेंस से हरिश्चंद्रघाट लाया गया।
घाट पर सेफ्टी किट के साथ पहुंचे शव को देखकर आग देने वाले डोमराज परिवार को शक हुआ। जब पता चला कि कोरोना से मृत व्यापारी का शव है तो परिवार ने आग देने से इनकार कर दिया। शव को चिता पर रखकर अंतिम संस्कार करने का भी विरोध हुआ। इसकी सूचना मिलते ही अस्सी चौकी प्रभारी मुकेश तिवारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। डोमराज परिवार को समझाने की कोशिश हुई। इसके बाद भी बात नहीं बनी। अंततः चिता की जगह बिजली चालित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया।